सैलरी से PF और पेंशन के लिए अंशदान: रिटायरमेंट पर कैसे मिलेगा बड़ी रकम?
- BMW News
- Mar 5
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आजकल ज्यादातर लोग अपनी सैलरी से पीएफ (Provident Fund) और पेंशन में योगदान की बात जानते हैं, लेकिन बहुत से लोग यह नहीं समझ पाते कि इसका गणित कैसे काम करता है। खासकर नौकरी पेशा लोग, जो हर महीने अपने वेतन से पीएफ और पेंशन योगदान का हिस्सा कटते हुए देखते हैं, लेकिन इस बारे में उन्हें पूरी जानकारी नहीं होती। हाल ही में EPFO (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) ने अपने सात करोड़ सब्सक्राइबर्स के लिए ब्याज दर 8.25% बरकरार रखने का फैसला लिया है। आइए जानते हैं कि आपके सैलरी से कटने वाले पीएफ और पेंशन अंशदान का गणित क्या है और रिटायरमेंट पर आपको बड़ी रकम कैसे मिल सकती है।
EPFO क्या है?
EPFO (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) भारत सरकार के श्रम और रोजगार मंत्रालय के अधीन एक प्रमुख संगठन है, जो संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को भविष्य निधि (Provident Fund), पेंशन (Pension) और बीमा (Insurance) जैसी सामाजिक सुरक्षा प्रदान करता है। EPFO का मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है। EPFO कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति, बीमारी या किसी अन्य कारण से जीवन में आने वाली वित्तीय कठिनाइयों से बचाने के लिए इन योजनाओं का संचालन करता है।
सैलरी से PF और पेंशन अंशदान का गणित
EPF का योगदान मुख्य रूप से दो हिस्सों में बांटा जाता है - एक हिस्सा भविष्य निधि (Provident Fund) के लिए और दूसरा हिस्सा पेंशन (Pension) योजना के लिए। इसके तहत कर्मचारी और नियोक्ता दोनों मिलकर योगदान करते हैं। यदि किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी ₹15,000 से अधिक है, तो कर्मचारी और नियोक्ता दोनों को मिलकर बेसिक सैलरी का 12% EPF में योगदान करना होता है। नियोक्ता का योगदान दो हिस्सों में होगा - एक हिस्सा EPF (Provident Fund) में और दूसरा हिस्सा EPS (Employees’ Pension Scheme) में।
बेसिक सैलरी पर योगदान कैसे होता है
मान लीजिए एक कर्मचारी की बेसिक सैलरी ₹30,000 है, तो कर्मचारी का मासिक योगदान 30,000 का 12%, यानी ₹3,600 होगा। वहीं, नियोक्ता का योगदान दो हिस्सों में बांटा जाएगा, जिसमें EPF में ₹2,350 और EPS (पेंशन स्कीम) में ₹1,250 जमा होंगे। इस प्रकार, कर्मचारी और नियोक्ता दोनों मिलकर हर महीने EPF खाते में ₹5,950 जमा करेंगे।
EPF पर ब्याज और रिटर्न
EPF पर जो ब्याज मिलता है, वह चक्रवृद्धि (Compound Interest) होता है, जो हर महीने के अंत में जुड़ता है। उदाहरण के लिए, अगर किसी महीने के अंत में आपके EPF खाते में ₹5,950 जमा हैं, तो उस पर 8.25% ब्याज मिलेगा। इस ब्याज की गणना मासिक आधार पर होती है, लेकिन इसे हर साल 31 मार्च को खाते में क्रेडिट किया जाता है। इस प्रकार, आपके खाते में हर महीने थोड़ा-थोड़ा ब्याज जुड़ता जाता है, जिससे रकम धीरे-धीरे बढ़ती रहती है।
EPF का इंश्योरेंस कवर
EPF में कर्मचारियों को एक इंश्योरेंस कवर भी मिलता है, जिसे EDLI (Employees' Deposit Linked Insurance) स्कीम कहा जाता है। यह इंश्योरेंस कवर कर्मचारियों को 7 लाख तक का बीमा कवर प्रदान करता है। इसके अलावा, EPF में एक हिस्सा पेंशन के लिए भी कटता है, जो कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद एक मासिक पेंशन देता है। पेंशन की राशि का निर्धारण कर्मचारी की बेसिक सैलरी और योगदान के आधार पर किया जाता है।EPFO द्वारा दी जाने वाली भविष्य निधि और पेंशन योजना कर्मचारियों के लिए एक सुरक्षित और गारंटीड फाइनेंशियल सुरक्षा प्रदान करती है। यह कर्मचारियों को नौकरी के दौरान किसी अनहोनी या रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सहायता देती है। EPF की पूरी प्रक्रिया सुरक्षित और सरकार द्वारा नियंत्रित होती है, जिससे कर्मचारियों को इसमें कोई चिंता नहीं करनी पड़ती। इस प्रकार, EPF और पेंशन योजना का हिस्सा बनने से रिटायरमेंट के बाद भी एक अच्छी आर्थिक स्थिति बनी रहती है। अब आप EPF और पेंशन की गणना, ब्याज और बीमा जैसे फायदे समझ गए होंगे। अगली बार जब आपकी सैलरी से पीएफ और पेंशन का योगदान कटे, तो आप समझ सकेंगे कि यह आपकी भविष्यवाणी के लिए कितना फायदेमंद है।
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