टेरेंस लुईस का खुलासा: रियलिटी शोज में सब स्क्रिप्टेड होता है, सिर्फ टैलेंट और डिसीजन असली होते हैं
- BMW News
- Apr 4
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कोरियोग्राफर टेरेंस लुईस ने हाल ही में एक इंटरव्यू में रियलिटी शोज को लेकर खुलकर बात की। उन्होंने बताया कि ज्यादातर रियलिटी शोज पूरी तरह से स्क्रिप्टेड होते हैं। टेरेंस के अनुसार, केवल डांस और जजों के डिसीजन ही असली होते हैं, बाकी सारी चीजें पहले से तय होती हैं। यहां तक कि गेस्ट और कंटेस्टेंट्स के बीच की बातचीत भी स्क्रिप्ट का हिस्सा होती है।
टेरेंस लुईस कई सालों से डांस रियलिटी शोज में बतौर जज काम कर रहे हैं। जब उन्हें ‘डांस इंडिया डांस लिटिल मास्टर्स’ की एक पुरानी फोटो दिखाई गई जिसमें वे दीपिका पादुकोण के साथ डांस कर रहे थे, तो उन्होंने कहा कि यह फोटो ‘चेन्नई एक्सप्रेस’ के प्रमोशन के दौरान की है। उन्होंने साफ कहा कि ऐसे मोमेंट्स बहुत कम ही नैचुरल होते हैं। इन पलों को खासतौर पर ऑडियंस को एंटरटेन करने के लिए बनाया जाता है।
टेरेंस ने बताया कि प्रोडक्शन टीम उन्हें कहती है कि स्टेज पर कुछ खास मोमेंट्स बनाने होंगे ताकि शो में मजा आए और लोग उसे पसंद करें। इसी कारण उन्होंने दीपिका पादुकोण से स्टेज पर डांस करने के लिए कहा था, जबकि दीपिका को इसके बारे में पहले से कुछ नहीं बताया गया था। यह एक सरप्राइज मोमेंट की तरह प्लान किया गया था।
टेरेंस का कहना है कि लोग सोचते हैं कि रियलिटी शो पूरी तरह से सच्चाई पर आधारित होते हैं, लेकिन असलियत में ऐसा नहीं है। शो का फॉर्मेट, गेस्ट की एंट्री, कंटेस्टेंट्स की कहानियां और उनके रिएक्शन – सब कुछ पहले से लिखा जाता है। कंटेस्टेंट्स को यह बताया जाता है कि उन्हें कहां इमोशनल होना है, कब हंसना है, और कब कौन सी बात करनी है।
उन्होंने यह भी जोड़ा कि जज बनने के बाद से उन्हें कई बार कहा गया है कि वे कंटेस्टेंट्स से कुछ खास सवाल पूछें या कोई मजेदार बात करें ताकि शो दिलचस्प बना रहे। हालांकि, टेरेंस ने ये भी कहा कि जब बात टैलेंट की आती है, तो कोई स्क्रिप्ट काम नहीं करती। जो कंटेस्टेंट अच्छा डांस करता है, उसी को आगे बढ़ाया जाता है। उनका निर्णय और प्रतिक्रिया उस समय की परफॉर्मेंस पर ही आधारित होती है, वह नकली नहीं होती।
टेरेंस की यह बात सुनकर यह समझ आता है कि रियलिटी शोज भले ही देखने में बहुत नैचुरल लगें, लेकिन उनमें काफी कुछ पहले से तय किया गया होता है। दर्शकों को एंटरटेन करने और टीआरपी बढ़ाने के लिए कुछ चीजें बनावटी होती हैं। पर टेरेंस का मानना है कि टैलेंट और मेहनत की कोई जगह नहीं ले सकता, इसलिए कंटेस्टेंट्स की काबिलियत ही उन्हें आगे लेकर जाती है।
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