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बिहार की 40 हजार महिला शिक्षिकाओं को बड़ा तोहफा, अब घर के पास मिलेगी नियुक्ति

  • Writer: BMW News
    BMW News
  • Apr 2
  • 2 min read


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बिहार सरकार ने 40 हजार महिला शिक्षिकाओं के लिए एक बड़ी खुशखबरी दी है। अब इन महिला शिक्षिकाओं को उनके घर के नजदीक स्कूलों में नियुक्त किया जाएगा। इससे वे अपने परिवार के साथ रह सकेंगी और बिना किसी परेशानी के अपना काम कर सकेंगी।


यह फैसला शिक्षा विभाग ने लिया है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने बताया कि जिन महिला शिक्षकों ने लंबी दूरी के आधार पर तबादले का आवेदन दिया था, उनका स्थानांतरण मार्च में कर दिया जाएगा। इससे वे अपने घर से दूर नहीं जाएंगी और आसानी से अपनी नौकरी कर पाएंगी।


इस फैसले का सबसे ज्यादा फायदा उन महिला शिक्षिकाओं को होगा जो परिवार की जिम्मेदारियों के कारण दूर नहीं जाना चाहती थीं। अब वे अपने पंचायत क्षेत्र में ही काम कर सकेंगी। इससे उनका सफर भी कम होगा और वे अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों को भी अच्छी तरह निभा सकेंगी।


इस नीति के तहत कुछ खास शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाएगी। अगर कोई शिक्षक गंभीर बीमारी से ग्रसित है या मानसिक रूप से परेशान है, तो उसे पहले तबादले का लाभ मिलेगा। इसके अलावा, विधवा शिक्षिकाएं और अकेली रहने वाली महिलाएं भी इस योजना के तहत प्राथमिकता पाएंगी। इससे उनकी समस्याओं को कम करने में मदद मिलेगी।


हालांकि, पुरुष शिक्षकों को अभी इंतजार करना होगा। पहले प्रधान शिक्षक, प्रधानाध्यापक और तीसरे चरण में नियुक्त शिक्षकों का स्थानांतरण किया जाएगा। इसके बाद ही पुरुष शिक्षकों के बारे में कोई निर्णय लिया जाएगा।


इस फैसले से महिला शिक्षिकाओं को बहुत राहत मिलेगी। वे बिना किसी चिंता के अपने परिवार के पास रहकर काम कर सकेंगी। यह नीति महिला शिक्षकों की सुविधा को ध्यान में रखकर बनाई गई है ताकि वे बेहतर तरीके से अपनी नौकरी कर सकें। इसके अलावा, जब शिक्षिकाएं अपने घर के पास रहेंगी तो उनकी कार्यक्षमता भी बढ़ेगी।


पहले कई महिला शिक्षिकाओं को दूरदराज के इलाकों में जाना पड़ता था, जिससे उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता था। इस नई नीति के आने से उनकी मुश्किलें खत्म हो जाएंगी और वे अपनी नौकरी और घर की जिम्मेदारियों को संतुलित कर पाएंगी।


सरकार के इस फैसले से 40 हजार महिला शिक्षकों को सीधा फायदा मिलेगा। इससे उनके जीवन में बड़ा बदलाव आएगा और वे अधिक संतोषजनक तरीके से अपने काम को कर पाएंगी। परिवार के पास रहने से वे मानसिक रूप से भी ज्यादा खुश रहेंगी और अपने बच्चों व परिवार की देखभाल अच्छे से कर सकेंगी।


बिहार सरकार का यह कदम महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी एक बड़ा कदम है। इससे यह साबित होता है कि सरकार महिलाओं की जरूरतों और उनकी समस्याओं को गंभीरता से ले रही है। इस फैसले के बाद महिला शिक्षिकाओं को अब नौकरी और परिवार के बीच संतुलन बनाने में ज्यादा आसानी होगी।

 
 
 

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