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पटना में राहुल गांधी के सामने हुआ हंगामा, आपस में भिड़े कांग्रेस कार्यकर्ता

  • Writer: BMW News
    BMW News
  • Apr 7
  • 4 min read


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पटना में आज राहुल गांधी के कार्यक्रम में जमकर हंगामा और मारपीट हो गई। मामला सदाकत आश्रम का है, जहां राहुल गांधी कांग्रेस नेताओं से मीटिंग कर रहे थे। मीटिंग के दौरान कुछ युवक ‘राहुल जी वक्फ बिल का समर्थन करो’ लिखे पोस्टर लेकर पहुंचे। ये देख कांग्रेस कार्यकर्ताओं का पारा चढ़ गया। पहले तो कार्यकर्ताओं ने उन युवकों को धक्का देकर बाहर निकालने की कोशिश की, लेकिन बात यहीं नहीं रुकी। पोस्टर फाड़े गए, गाली-गलौज हुई और फिर मारपीट तक मामला पहुंच गया।


बताया जा रहा है कि एक युवक राहुल गांधी से सीधे वक्फ बिल के समर्थन की मांग कर रहा था। उसके हाथ में पोस्टर था जिस पर लिखा था - “वक्फ बोर्ड का समर्थन करिए राहुल गांधी जी।” कुछ कांग्रेसियों को ये बात बिल्कुल नागवार गुज़री। उन्होंने युवक को घेर लिया, पहले धक्का-मुक्की की और फिर उसकी पिटाई भी कर दी। यहां तक कि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने उसे थप्पड़ जड़ दिया।


ये सब उस वक्त हुआ जब राहुल गांधी सदाकत आश्रम में पार्टी नेताओं के साथ बैठक कर रहे थे। बिहार कांग्रेस को मज़बूत करने के मकसद से ये बैठक बुलाई गई थी। लेकिन हंगामे और आपसी झगड़े ने सारा माहौल ही बिगाड़ दिया। कुछ कार्यकर्ता आपस में भी भिड़ गए। राहुल गांधी पहले तो चुप रहे लेकिन जब बात हाथापाई तक पहुंच गई, तो वह नाराज़ हो गए और बैठक अधूरी छोड़कर उठ गए।


इससे पहले राहुल गांधी ‘पलायन रोको, नौकरी दो’ पदयात्रा में शामिल होने बेगूसराय पहुंचे थे। वहां छात्रों और युवा संगठनों ने भारी संख्या में हिस्सा लिया। उन्होंने तख्तियों के जरिए सरकार से पूछा कि सरकारी नौकरियां कहां गईं। रक्षा बलों में खाली पदों को भरने और युवाओं के लिए नौकरी की मांग को लेकर सड़क पर उतरे लोगों ने राहुल गांधी का समर्थन किया। खुद राहुल गांधी ने भी मंच से कहा, “सरकारी नौकरियां घटती जा रही हैं, हमें अपनी आवाज बुलंद करनी होगी ताकि सरकार पर दबाव बने।”


लेकिन पटना पहुंचते ही सारा फोकस पदयात्रा से हटकर विवादों की ओर चला गया। जिस मुद्दे को लेकर राहुल गांधी बिहार आए थे, वही मुद्दा हंगामे और हाथापाई की भेंट चढ़ गया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच इस बात को लेकर भी खींचतान थी कि वक्फ बिल पर पार्टी की क्या स्थिति है। कुछ लोग इस बिल के समर्थन में थे, तो कुछ ने साफ इनकार कर दिया। इसी वजह से कार्यक्रम में माहौल गरम हो गया।


घटना के बाद वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने स्थिति को संभालने की कोशिश की। उन्होंने बीच-बचाव कर मामले को शांत कराया। लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। राहुल गांधी के इस दौरे को बिहार कांग्रेस के लिए बहुत अहम माना जा रहा था, लेकिन अब यह दौरा मारपीट और विवाद की वजह से सुर्खियों में आ गया है।


इस पूरी घटना ने एक सवाल खड़ा कर दिया है – क्या कांग्रेस अपने ही कार्यक्रमों में अनुशासन नहीं रख पा रही? पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच मारपीट, युवा की पिटाई, और राहुल गांधी की नाराज़गी ने बिहार कांग्रेस की छवि को नुकसान पहुंचाया है। अब देखना ये है कि पार्टी इस विवाद से कैसे उबरती है और क्या राहुल गांधी फिर से बिहार का रुख करेंगे या नहीं।

पटना में आज राहुल गांधी के कार्यक्रम में जो कुछ भी हुआ, उसने कांग्रेस की हालत और अनुशासन पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। पहले कांग्रेस को एक अनुशासित और सुसंस्कृत पार्टी माना जाता था। कभी इस पार्टी में सिस्टाचार (शिष्टाचार) की मिसाल दी जाती थी, लेकिन अब जो हालात हैं, वो देखकर लोग कहने लगे हैं – क्या यही है आज की कांग्रेस?


सदाकत आश्रम में राहुल गांधी की मीटिंग चल रही थी। इसी बीच कुछ युवक वक्फ बिल के समर्थन में पोस्टर लेकर पहुंचे। उन्होंने राहुल गांधी से अपील की कि वो इस बिल का समर्थन करें। लेकिन कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को ये बात इतनी नागवार गुज़री कि उन्होंने युवकों को धक्का मारकर बाहर निकाल दिया, उनके पोस्टर फाड़ दिए और यहां तक कि मारपीट पर उतर आए। किसी को थप्पड़ पड़ा, किसी को गेट से बाहर खदेड़ दिया गया।


ये सब राहुल गांधी की मौजूदगी में हुआ। खुद राहुल गांधी इस दौरान बेबस से नजर आए। पहले तो उन्होंने कार्यकर्ताओं को शांत कराने की कोशिश की, लेकिन जब हाथापाई बढ़ गई तो वो नाराज़ होकर मीटिंग बीच में छोड़कर चले गए।


आज की कांग्रेस को देखकर पुराने कांग्रेसी भी दंग हैं। कभी इस पार्टी में मतभेद होते थे, लेकिन मनभेद नहीं होते थे। बड़े नेता भी पार्टी लाइन से असहमति जताते थे लेकिन शालीनता बनाए रखते थे। अब न वो अनुशासन बचा है, न विचारधारा को लेकर कोई स्पष्टता। पार्टी के नेता आपस में ही भिड़ रहे हैं, पदयात्रा के मंच पर लड़ाई हो रही है, और सड़क पर कांग्रेस को समर्थन देने वाले युवकों को ही पीटा जा रहा है।


कांग्रेस में एक समय था जब विचारों की लड़ाई बहस और संवाद से लड़ी जाती थी। अब ये लड़ाई धक्का-मुक्की और थप्पड़ों तक पहुंच चुकी है। वरिष्ठ नेता मौन हैं, और कार्यकर्ताओं की भीड़ में अनुशासन की कोई झलक नहीं दिख रही।


राहुल गांधी का यह बिहार दौरा 'पलायन रोको, नौकरी दो' के नाम पर था, लेकिन सुर्खियां बटोर रहा है तो सिर्फ ‘पिटाई, पोस्टर और पार्टी में पंगा’ की वजह से। जिस कांग्रेस से लोग उम्मीद करते थे कि वो युवाओं की आवाज उठाएगी, वही कांग्रेस अब उन्हीं युवाओं को खदेड़ रही है जो उनसे सवाल पूछने की हिम्मत करते हैं।


बिहार जैसे राजनीतिक रूप से जागरूक राज्य में कांग्रेस की यह हालत बहुत कुछ बयां करती है। जनता सवाल कर रही है – कांग्रेस में अब न विचार बचे हैं, न व्यवहार। जिस पार्टी ने आज़ादी दिलाई, वही अब अपने घर में ही लड़ने लगी है। सवाल बड़ा है – क्या कांग्रेस खुद को संभाल पाएगी या फिर ये अंत की शुरुआत है?

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