वक्फ संशोधन पर बवाल: जदयू नेता कासिम अंसारी ने दिया इस्तीफा, जानिए उनका राजनीतिक सफर!
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- Apr 4
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बिहार में वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर राजनीति गरमा गई है। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने इस विधेयक का संसद में समर्थन किया, लेकिन इसके बाद एक खबर तेजी से वायरल हुई कि पार्टी के एक वरिष्ठ नेता कासिम अंसारी ने विरोध में इस्तीफा दे दिया। यह खबर फैलते ही लोगों में यह जानने की उत्सुकता बढ़ गई कि आखिर कासिम अंसारी कौन हैं और उनका राजनीतिक सफर कैसा रहा है।
कासिम अंसारी ने इस्तीफा देते हुए खुद को जदयू के पूर्वी चंपारण जिला चिकित्सा प्रकोष्ठ का प्रवक्ता बताया है। हालांकि, सोशल मीडिया पर यह खबर फैल गई कि जदयू के किसी विधायक ने इस्तीफा दे दिया है, जिससे मामला और ज्यादा चर्चा में आ गया। उन्होंने अपना इस्तीफा जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भेजा, जिससे इसे और ज्यादा तवज्जो मिली।
कासिम अंसारी ने खुद को जिस विधानसभा क्षेत्र का पूर्व प्रत्याशी बताया है, वहां से उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा था।यह विधानसभा क्षेत्र है ढाका, जहां 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में वे निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में उतरे थे। हालांकि, उनका प्रदर्शन बेहद कमजोर रहा और उन्हें केवल 499 वोट मिले। जबकि इस सीट से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पवन कुमार जायसवाल ने जीत दर्ज की थी।उन्हें 99792 वोट मिले थे। इस चुनाव में दूसरे स्थान पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के फैसल रहमान थे, जिन्होंने 89678 वोट हासिल किए थे।
कासिम अंसारी के इस्तीफे का कारण वक्फ संशोधन विधेयक को बताया जा रहा है। इस विधेयक को लेकर बिहार और देशभर में अलग-अलग प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ लोग इसे वक्फ संपत्तियों में पारदर्शिता लाने वाला सुधार मान रहे हैं, जबकि कुछ का कहना है कि यह मुस्लिम समुदाय के अधिकारों को कमजोर करने की कोशिश है।
कासिम अंसारी का इस्तीफा जदयू के लिए कोई बड़ा राजनीतिक झटका नहीं माना जा रहा, क्योंकि वे न तो विधायक थे और न ही कोई बड़ा पदाधिकारी। हालांकि, उन्होंने जिस तरह से इसे सामने रखा, उससे यह मामला सुर्खियों में आ गया। जदयू की ओर से अभी तक उनके इस्तीफे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन पार्टी के भीतर इस पर चर्चा जरूर हो रही है।
इस पूरे घटनाक्रम से एक बार फिर बिहार की राजनीति में जाति और धर्म से जुड़े मुद्दे चर्चा में आ गए हैं। बिहार में नीतीश कुमार की सरकार बीजेपी के समर्थन से चल रही है, और जदयू का वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन करना कई मुस्लिम नेताओं और संगठनों को पसंद नहीं आया। यही वजह है कि कासिम अंसारी जैसे नेता ने खुलकर विरोध किया और पार्टी से इस्तीफा दे दिया।
हालांकि, चुनावी राजनीति में उनकी पकड़ कमजोर रही है। ढाका विधानसभा में उनके प्रदर्शन को देखकर यह साफ कहा जा सकता है कि वे कोई प्रभावशाली नेता नहीं थे। फिर भी, इस इस्तीफे ने जदयू के भीतर उठ रहे असंतोष को दिखाया है। अब देखना यह होगा कि जदयू इस पर क्या प्रतिक्रिया देता है और क्या यह इस्तीफा कोई बड़ा राजनीतिक असर डाल पाएगा या नहीं।








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