बिहार की सियासत में चिराग की चमक, अमित शाह ने दिए CM बनने के संकेत!
- BMW News

- Apr 2
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बिहार की राजनीति में इन दिनों बड़ा उलटफेर देखने को मिल रहा है। एक वक्त था जब चिराग पासवान को NDA से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था, लेकिन अब वही चिराग बिहार की राजनीति के चमकते सितारे बन चुके हैं। बीजेपी के बड़े नेताओं से लेकर खुद अमित शाह तक चिराग की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं। अब चर्चा जोरों पर है कि आने वाले दिनों में चिराग पासवान बिहार के मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार हो सकते हैं। यानी अब चिराग की बल्ले-बल्ले हो गई है!
अमित शाह ने चिराग को दिया बड़ा संकेत
हाल ही में अमित शाह ने चिराग पासवान को लेकर जो बयान दिया, उसने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है। शाह ने साफ तौर पर कहा कि चिराग पासवान NDA के मजबूत साथी हैं और आने वाले समय में बिहार की राजनीति में उनकी बड़ी भूमिका होगी। शाह के इस बयान के बाद से चर्चाएं तेज हो गई हैं कि चिराग को सीएम फेस बनाने की तैयारी चल रही है।
बिहार की राजनीति में जातीय समीकरण बहुत मायने रखते हैं और चिराग पासवान दलित नेता होने के साथ-साथ युवा चेहरे के रूप में भी उभर रहे हैं। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) का बिहार के कई इलाकों में अच्छा प्रभाव है, खासकर पासवान वोट बैंक पर उनकी जबरदस्त पकड़ है। ऐसे में बीजेपी अगर चिराग को आगे बढ़ाती है, तो इसका फायदा उसे बिहार में मिल सकता है।
चिराग के लिए मुश्किलें भी कम नहीं थीं
चिराग पासवान के लिए ये रास्ता आसान नहीं रहा है। जब उनके पिता रामविलास पासवान का निधन हुआ, तब पार्टी में ही बगावत हो गई थी। उनके चाचा पशुपति पारस ने पार्टी को तोड़ दिया और बीजेपी ने भी उस वक्त चिराग से दूरी बना ली थी। लेकिन चिराग ने हार नहीं मानी। उन्होंने अकेले बिहार में अपनी पहचान बनाई, पीएम मोदी के प्रति अपनी निष्ठा जताई और खुद को "मोदी का हनुमान" तक कह डाला।
अब नतीजा ये हुआ कि बीजेपी ने फिर से उन्हें अपना करीबी बना लिया और लोकसभा चुनाव में NDA में शामिल कर लिया। लोकसभा चुनाव में चिराग की पार्टी को जो सीटें दी गईं, वो भी इस बात का इशारा था कि बीजेपी अब उन्हें गंभीरता से ले रही है।
नीतीश कुमार के लिए खतरे की घंटी
अगर चिराग पासवान को NDA की ओर से मुख्यमंत्री पद का दावेदार बनाया जाता है, तो सबसे बड़ा झटका मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लगेगा। अभी तक बिहार में बीजेपी का दांव हमेशा नीतीश कुमार पर ही रहा है, लेकिन नीतीश का पाला बदलने का पुराना रिकॉर्ड रहा है। बीजेपी को अब एक भरोसेमंद साथी की जरूरत है, जो लंबे समय तक उसके साथ बना रहे।
चिराग पासवान इस मामले में फिट बैठते हैं। वो युवा हैं, उनकी जनता में अच्छी पकड़ है और बीजेपी के लिए पूरी तरह से वफादार भी हैं। अगर बीजेपी चिराग को आगे करती है, तो नीतीश कुमार के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है।
बिहार में होगा बड़ा सियासी खेल?
बिहार में चुनाव अभी कुछ दूर है, लेकिन राजनीति अभी से गरमा चुकी है। बीजेपी के लिए एक नया सीएम फेस तलाशना जरूरी हो गया है क्योंकि नीतीश कुमार पर भरोसा करना अब जोखिम भरा हो सकता है। अगर चिराग को आगे लाया जाता है, तो बिहार की राजनीति पूरी तरह बदल सकती है।
दूसरी तरफ, RJD भी अपने पुराने वोट बैंक को संभालने की कोशिश में जुटी है। तेजस्वी यादव खुद को युवा नेता के तौर पर पेश कर रहे हैं, लेकिन अगर बीजेपी के पास चिराग पासवान का विकल्प होगा, तो तेजस्वी के लिए भी मुकाबला आसान नहीं रहेगा।
बिहार की राजनीति में एक कहावत है – "जो जातीय समीकरण साध ले, वही सत्ता का बादशाह बनता है।" अब देखना ये है कि चिराग पासवान के सितारे कितने बुलंद होते हैं और क्या वाकई बीजेपी उन्हें मुख्यमंत्री पद का दावेदार बनाकर बिहार की राजनीति में बड़ा दांव खेलती है या नहीं। फिलहाल, सियासी खेल दिलचस्प हो गया है और चिराग की बल्ले-बल्ले होती दिख रही है!








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