बिहार विधानसभा बजट सत्र 2025: विरोध प्रदर्शन और राजनीतिक हलचल की शुरुआत
- BMW News

- Feb 28
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28 फरवरी 2025 को बिहार विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो गया। इस सत्र की शुरुआत राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के अभिभाषण से हुई। बिहार के राजनीतिक हलकों में इस सत्र को लेकर खासा उत्साह और संदेह दोनों थे। बजट सत्र की शुरुआत में ही हंगामेदार घटनाएं घटित हुईं, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि इस बार का सत्र भी शांतिपूर्ण नहीं रहेगा। विपक्षी दलों, खासकर भाकपा-माले (CPI-ML) के विधायकों ने पहले दिन ही अपना विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
विरोध प्रदर्शन और हथकड़ी लगाकर विधानसभा में प्रवेश
बिहार विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन भाकपा माले के विधायकों ने जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। इन विधायकों ने विधानसभा में हथकड़ी पहनकर प्रवेश किया और अपनी इस कार्रवाई के जरिए सरकार और केंद्र पर तीखा हमला बोला। इन नेताओं ने दावा किया कि भारत के स्वाभिमान के साथ खिलवाड़ हो रहा है और प्रवासी भारतीयों के साथ अमेरिका का घोर अपमानजनक व्यवहार हो रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के व्यवहार को तुरंत रोकना चाहिए।यह विरोध प्रदर्शन राज्य और केंद्र की सरकारों को चुनौती देने के लिए था, जिसमें माले के विधायक अमेरिकी सरकार की नीतियों का विरोध कर रहे थे। उन्होंने मांग की कि भारत के सम्मान और प्रवासी भारतीयों के अधिकारों की रक्षा के लिए कड़े कदम उठाए जाएं। हथकड़ी लगाकर विधानसभा में प्रवेश करना एक प्रतीकात्मक विरोध था, जिसमें माले के नेताओं ने यह संदेश दिया कि वे मौजूदा सरकार से संतुष्ट नहीं हैं और इसके खिलाफ आवाज उठा रहे हैं।
बजट सत्र का आगाज और अन्य घटनाक्रम
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के अभिभाषण से बिहार विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत हुई। इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव और विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह भी उपस्थित थे। राज्यपाल के अभिभाषण में राज्य सरकार की योजनाओं, विकास कार्यों और आगामी बजट के प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा की गई।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सत्र की शुरुआत से पहले बिहार विधानसभा के अध्यक्ष नंद किशोर यादव और बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के 62वें निर्वाण दिवस पर महाप्रयाण घाट पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि भी दी।
बीजेपी और लेफ्ट के बीच तकरार
बिहार विधानसभा के सत्र के दौरान ही विपक्षी और सत्ताधारी दलों के बीच तकरार भी देखने को मिली। जब भाकपा माले के विधायक हथकड़ी पहने हुए सदन में पहुंचे, तो बीजेपी के विधायकों ने उन्हें बेऊर जेल जाने की सलाह दी। इस पर सदन में हंगामा मच गया और दोनों पक्षों के बीच तीखी नोकझोंक हुई। विधानसभा के स्पीकर नंद किशोर यादव ने इस स्थिति को नियंत्रित किया और बीजेपी के विधायक को डांटते हुए शांत रहने की हिदायत दी।
पिछले वर्षों के बजट सत्र पर एक नजर
बिहार विधानसभा का बजट सत्र हमेशा से ही राजनीतिक हलचल और विरोध प्रदर्शनों से घिरा रहता है। पिछले वर्षों में भी बजट सत्र के पहले दिन विरोध प्रदर्शन और हंगामे होते रहे हैं। उदाहरण के तौर पर, 2024 में जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बजट पेश किया था, तो विपक्षी दलों ने उस पर तीखी आलोचना की थी। खासकर बीजेपी और अन्य विपक्षी दलों ने राज्य सरकार के विकास कार्यों पर सवाल उठाए थे और सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया था।वहीं, 2023 में भी बजट सत्र के दौरान विपक्षी पार्टियों ने बिहार सरकार के शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के मुद्दों को उठाया था। यह विरोध उस समय और भी तेज हो गया था, जब सरकार ने कुछ फैसलों को लेकर आपत्ति जताई थी। इन विरोध प्रदर्शनों के बावजूद, बिहार विधानसभा का बजट सत्र राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।इस बार का बजट सत्र भी हंगामेदार होने के आसार हैं, जैसा कि पहले दिन के घटनाक्रम से स्पष्ट हो चुका है। माले के विधायक और अन्य विपक्षी दल अपनी आवाज उठाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं। इस सत्र में राज्य सरकार की योजनाओं और आगामी बजट पर भी चर्चा होगी, जिसमें विपक्षी दलों द्वारा कड़ी सवाल-जवाब की उम्मीद जताई जा रही है।कुल मिलाकर, बिहार विधानसभा का बजट सत्र हमेशा से ही राजनीतिक संघर्ष, विचार-विमर्श और विरोध प्रदर्शनों का केंद्र रहा है। यह सत्र राज्य के राजनीतिक हालात को प्रकट करने और सरकार के फैसलों की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।








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